*बड़ी जालसाजी शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे से दो सगे भाइयों ने जालसाजी करके करा ली नियुक्ति*
जालसाजी

शिक्षा विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार: मृतक आश्रित कोटे से दो सगे भाईयों ने जालसाजी करके करा ली नियुक्ति
आशीष कुमार गौतम ब्यूरो चीफ पुलिस मुखबिर न्यूज
क्रासर- माता-पिता थे शिक्षक, उनके भविष्य निधि खाते से ऋण लेकर कर लिया गया गबन
महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक कोटे से दो भाईयों ने तथ्यों को छिपाकर जालसाजी करके नियुक्ति करा लिया। यही नहीं भविष्य निधि खाते से ऋण लेकर उसकी वापस नहीं करके धन का गबन किया गया है।
यह आरोप दिनेश कुमार पुत्र जगदम्बा प्रसाद वार्ड नम्बर ३ विकास नगर, नगर पंचायत आनन्दनगर ने जिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से भेजे गये शिकायती पत्र में लगाया है। उन्होंने सीएम, बेसिक शिक्षा मंत्री, महानिदेशक बेसिक लखनऊ, भ्रष्टाचार निवारण अनुसंधान शाखा लखनऊ समेत अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि संजय कुमार मिश्र प्राथमिक विद्यालय महराजगंज प्रथम क्षेत्र सदर महराजगंज में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत है। इनके पिता धु्रव नारायण मिश्र मिठौरा ब्लाक में अध्यापक थे जकि इनकी माता मालती मिश्रा भी बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक थी। इनके पिता धु्रव नाराण मिश्र की मृत्यु सेवा काल में ही हो जाने पर उनके मझले पुत्र संजय कुमार मिश्र ने अनुकम्पा के आधार पर मृतक आश्रित कोटे से १८ अगस्त १९८७ में नियुक्ति प्राप्त किया। जबकि नियम यह है कि माता-पिता दोनों अध्यापक है तो उनमें से किसी एक की मृत्यु हो जाने पर उनके पाल्यों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी नहीं दी जा सकती है। जबकि इसके साथ ही १९८७ में ही धु्रव नारायण मिश्र के बड़े पुत्र ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र ने भी मृतक आश्रित कोटे से बीटीसी टे्रनिंग में वेटेज लेकर प्रवेश लिया और १२ अगस्त १९८७ को बेसिक शिक्षा विभाग में ही सहायक अध्यापक पद की नौकरी हथिया लिया। इसमें तथ्यों को छिपाकर मृतक आश्रित कोटे से दोनों भाई जालसाजी करके अध्यापक बन बैठे।
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि यदि किसी एक को अनुकम्पा के आधार पर ही नौकरी दी गयी तो सिर्फ एक को ही नौकरी मिलनी चाहिये थी लेकिन दोनों भाई संजय कुमार मिश्र व ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र ने तथ्यों को छिपाकर नौकरी प्राप्त कर लिया। यही नहीं संजय कुमार मिश्र ने नियुक्ति तिथि से अब तक कई बार जीपीएफ से लोन लिया और उसे जीपीएफ खाते में जमा न करके फर्जी ढंगसे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लेखा कार्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के लेजर में इण्ट्री करा दिया। इन्होंने कब-कब लोन लिया और उसका कटौती इनके वेतन व बैंक खाते से तथा कार्यालय के लेजर से मिलान किया जाय तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आयेगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापक श्री मिश्र की पत्नी श्रीमती बृजलोचन मिश्र पूर्व माध्यमिक विद्यालय महराजगंज द्वितीय में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत है। वह बीटीसी परीक्षा में अनुत्र्तीण होने के बाद अंक पत्र व प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ कर उत्तीर्ण दिखाया गया और कूटरचित करके नौकरी हथिया लिया। पति के प्रभाव से अब तक कई बार जीपीएफ से लोन लिया और उसे जमा न करके फर्जी ढंग से लेखा कार्यालय के लेजर में इण्ट्री करा दिया। जबकि इनके भाई ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र प्राथमिक विद्यालय रूद्रापुर सदर में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत है। इन्होंने अपनी माता श्रीमती मालती मिश्रा के सरकारी सेवा में रहते हुये पिता की मृत्यु के बाद एवं छोटे भाई संजय कुमार मिश्र द्वारा मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति लेने के बाद बीटीसी में मृतक आश्रित कोटे से वेटेज लेकर प्रवेश लिया। उसी वेटेज के आधार पर बीटीसी करके शिक्षक की नौकरी हथिया लिया। ब्रजेन्द्र भी नियुक्ति तिथि से अब तक कई बार जीपीएफ से ऋण लेकर वापस नहीं किया। जबकि लेखा कार्यालय के लेजर में ऋण का पैसा जमा करने की इण्ट्री करा दिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि संजय कुमार मिश्र ने अपने छोटे भाई आशीष कुमार मिश्र को वर्ष २०११ में बिना टीईटी पास किये एडेड जूनियर हाई स्कूल मिठौरा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति करा दिया। जबकि बिना टीईटी के नियुक्ति २०११ में अवैध व नियम विरूद्ध है। यही नहीं आशीष की पत्नी शिक्षा मित्र के रूप में प्रा. वि. चौपरिया में कार्यरत थी। लेकिन शिक्षा मित्र से त्याग पत्र देकर कस्तूरबा गांध्ीा आवासीय विद्यालय में फुल टाइम टीचर के रूप में नियुक्ति करा ली। पुन: शिक्षक भर्ती में त्याग पत्र देकर शिक्षा मित्र के रूप में अनवरत सेवा दिखाकर शिक्षा मिश्र कोटे के वेटेज से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति करा ली। उन्होंने उपरोक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाही किये जाने की मांग किया है।
इस संबंध में बीएसए के मोबाइल नम्बर ९४५३००४१४९ पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।