मॉडल गोसदन के रूप में विकसित होगा गोसदन मधवलिया-डीएम
जिलाधिकारी न विस्तृत रिपोर्ट बनवाने का दिया निर्देश
गोसदन के तालाबों का पट्टा मत्स्यन निगम के माध्यम से करायें: जिलाधिकारी
पीएम न्यूज सर्विस महराजगंज । जिला गोसदन मधवलिया के प्रबंध कार्यकारिणी व गो-आश्रय स्थलों की जनपदीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुयी।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद गिरी द्वारा बैठक में गोसदन मधवलिया के भूमि, संरक्षित गोवंशीय पशु, हरा चारा उत्पादन, गोसदन की मरम्मत आदि के समक्ष में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा गोसदन मधवलिया में सुविधाओं के विकास, अतिरिक्त आय के सृजन, गोसदन की क्षमता में वृद्धि और गोसदन हेतु आय के स्रोतों के सृजन हेतु एकीकृत मॉडल फार्म विकसित करने हेतु विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
उक्त कार्ययोजना में न्यूनतम 20 करोड़ की आय हेतु विभिन्न स्रोतों को सृजित करने व 10,000 पशुओं के देखभाल की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखने का निर्देश जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिया गया। इसके लिए गोसदन में मत्स्यन, कृषि, बागबानी व पशुपालन की सुविधाओं के साथ-साथ अन्य सुविधाओं को भी विकसित किया जाएगा।
जिलाधिकारी महोदय ने गोसदन की भूमि के 20% हिस्से पर वृक्षारोपण हेतु निर्देशित किया ताकि गोसदन को भविष्य में अतिरिक्त आय हो सके। उन्होंने पशुओं के पीने के लिए पानी हेतु गोसदन परिसर में तालाब की खुदाई का कार्य व पशुओं के शव निस्तारण स्थल तक जाने वाले मार्ग के मरम्मत कार्य को मनरेगा के माध्यम से करवाने का निर्देश दिया।
गोसदन में वर्मी कंपोस्ट उत्पादन हेतु चयनित फर्म के अनुबंध को 3 महीने के लिए बढ़ाने का निर्देश देते हुए, जिलाधिकारी ने संबंधित फर्म को बकाया राशि इसी अवधि में चुकाने का आदेश दिया। जिला गोसदन को सरकारी सहायता धनराशि न मिलने पर संरक्षित पशुओं में से कुछ पशुओं को अस्थायी गोआश्रयों में स्थानांतरित करने के अनुरोध पर सहमति प्रकट करते हुए, 03 महीने के लिए स्थानान्तरण की अनुमति प्रदान की।
जिलाधिकारी ने गोसदन के पशुओं के बेहतर रख-रखाव, ठंड में पशुओं को गर्म रखने हेतु जरूरी व्यवस्था हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सभी जरूरी सुविधाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
गो-आश्रय स्थलों के विषय मे जिलाधिकारी महोदय संचालित गो आश्रय स्थलों व उनमें संरक्षित पशुओं की जानकारी ली। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 22 गो आश्रय स्थल संचालित हैं, जिनमे 1001 गोवंशीय पशु संरक्षित हैं, जबकि 09 गो-आश्रय स्थल अक्रियाशील हैं। अक्रियाशील स्थलों के संदर्भ में जिलाधिकारी महोदय ने संबंधित बीडीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त स्थलों का निरीक्षण कर सुनिश्चित करें कि ये स्थल मरम्मत योग्य हैं, या नहीं। यदि इनकी मरम्मत सम्भव हो तो मनरेगा के माध्यम से जरूरी कार्य करवाकर उन्हें पुनः शुरू कराया जाये और यदि आश्रय स्थलों को संचालित करने संभव न हो तो आख्या के साथ उन्हें बंद करने का प्रस्ताव भेज दें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री गौरव सिंह सोगरवाल, जॉइंट मजिस्ट्रेट साई तेजा सीलम, उपजिलाधिकारी निचलौल श्री सत्य प्रकाश मिश्र,जिला कृषि अधिकारी श्री वीरेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।